श्री पवनजाष्टकं – shri pavanajastakam

श्री पवनजाष्टकं - shri pavanajastakam

हनुमान जी को पवनपुत्र भी कहा गया है और इस कारण पवनात्मज नाम से भी जाने जाते हैं और यदि पवनज कहें तो वह भी पवनपुत्र हनुमान का ही नाम है। हनुमान जी का एक अष्टक स्तोत्र पवनज नाम से भी है जिसे पवनजाष्टकं नाम से जाना जाता है। यहां पवनजाष्टकं (shri pavanajastakam) स्तोत्र संस्कृत में दिया गया है।

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।

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