मार्कण्डेय पुराणोक्त हनुमान ध्यान मंत्र – hanuman dhyan mantra

मार्कण्डेय पुराणोक्त हनुमान ध्यान मंत्र - hanuman dhyan mantra

हम किसी भी देवता की पूजा-उपासना करें हमें उनके ध्यान मंत्र की आवश्यकता होती है। जब हम हनुमान जी की पूजा करेंगे तो उनके ध्यान मंत्र की भी आवश्यकता होती है यद्यपि “मनोजवं मारुततुल्यवेगं.., अतुलित बलधामं..” आदि पढ़कर कर लेते हैं किन्तु हनुमान जी के कुछ विशेष ध्यान मंत्र अथवा ध्यान श्लोक मार्कण्डेय पुराण में मिलता है और जिन्हें हनुमान जी के ध्यान मंत्र की आवश्यकता हो उनके लिये यह विशेष महत्वपूर्ण आलेख है क्योंकि इसमें मार्कण्डेयपुराणोक्त हनुमान ध्यान मंत्र (hanuman dhyan mantra) दिया गया है।

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।

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