लक्ष्मीनारायणीय संहितोक्त नारायण सहस्रनाम – narayan sahasranama

लक्ष्मीनारायणीय संहितोक्त नारायण सहस्रनाम - narayan sahasranama

लक्ष्मीनारायण संहिता में नारायण सहस्रनाम स्तोत्र (narayan sahasranama) मिलता है जिसमें कुल १०० श्लोक हैं। यह स्तोत्र भगवान श्री कृष्ण और राधा संवाद रूप में है और भगवान श्री कृष्ण ने राधिका को स्तोत्र का उपदेश किया है। आर्द्र हो अथवा शुष्क हो, परपीडा पहुंचाने से संचित पाप हो सभी पापों का यह स्तोत्र नाश करता है। इसके पठन-श्रवण से तीर्थों में मिलने वाले पुण्य की प्राप्ति होती है। यहां लक्ष्मीनारायणीय संहितोक्त नारायण सहस्रनाम संस्कृत में दिया गया है।

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।

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