बिना पंडित के गृह प्रवेश कैसे करें

बिना पंडित के गृह प्रवेश कैसे करें ?

अन्य किसी विधि-व्यवस्था में अपेक्षित व्यक्ति के बिना करने की चर्चा नहीं की जाती है किन्तु सनातन में लगभग सभी कर्मकांड बिना पंडित के करने के लिये प्रेरित किया जा रहा है। नाना प्रकार के आलेख-विडियो आदि माध्यमों से उत्प्रेरित करते हुये ऐसा प्रयास किया जाता है कि कर्मकांड बिना पंडित कैसे कैसे किया जा सकता है

Read More
गृह प्रवेश के नियम – गृह प्रवेश पूजा विधि की 21 महत्वपूर्ण बातें।

गृह प्रवेश के नियम – गृह प्रवेश पूजा विधि की 21 महत्वपूर्ण बातें

गृह प्रवेश के नियम – गृह प्रवेश पूजा विधि की 21 महत्वपूर्ण बातें : इसके साथ ही गृहप्रवेश के संबंध में भी कई महत्वपूर्ण बातें होती हैं जो सामान्य जन नहीं जान पाते। यहां गृहप्रवेश से संबंधित 21 महत्वपूर्ण बातें बताई गयी है जो गृहप्रवेश करने से पहले जानना आवश्यक होता है।

Read More
गृह प्रवेश पूजा विधि

गृह प्रवेश पूजा विधि – Grihpravesh vidhi

गृह प्रवेश पूजा विधि – Grihpravesh vidhi :गृहप्रवेश की संपूर्ण विधि एवं मंत्रों का इस आलेख में वर्णन किया गया है एवं गृहप्रवेश से संबंधित कई महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर भी दिये गये हैं। इस आलेख में गृह प्रवेश करने की संपूर्ण पूजा और विधि समाहित की गयी है साथ इसे डाउनलोड करके अधिक सुविधा पाने के लिये गृह प्रवेश पद्धति pdf file भी अंत में दिया गया है। जो विषय (लेख/विधि) पूर्व प्रकाशित है वह नीले रंग में रेखांकित किया गया है जिसमें उसका लिंक समाहित है और अनुगमन को आसान करता है।

Read More
गृह प्रवेश पूजा सामग्री - Grihapravesh Samagri

गृह प्रवेश पूजा सामग्री – Grihapravesh Samagri

गृह प्रवेश पूजा सामग्री : सामान्यतया व्यवहार में गृहप्रवेश करने के बाद पूजा आदि करते हुये देखा जाता है। किन्तु यहां ऐसा माना गया है कि गृह प्रवेश के लिये शास्त्रानुसार एक मंडप निर्माण करके पूजा आदि किया जाना चाहिये और उसी के अनुसार सामग्री का विचार किया गया है।

Read More
भूमि पूजन विधि – गृहारंभ विधि पूजन मंत्र सहित

भूमि पूजन विधि – गृहारंभ विधि पूजन मंत्र सहित

भूमि पूजन विधि – गृहारंभ विधि पूजन मंत्र सहित : जब किसी नये घर का निर्माण आरंभ करते हैं तो उसके लिये जो पूजा की जाती है उसे गृहारंभ या भूमि पूजन कहा जाता है। गृहारंभ का सर्वप्रथम शुभ मुहूर्त बनवाया जाता है तत्पश्चात गृहारंभ सामग्रियां व्यवस्थित की जाती है फिर शुभ मुहूर्त में भूमि-वास्तु आदि पूजन करके गृहारंभ किया जाता है।

Read More
भूमि पूजन सामग्री अर्थात गृहारंभ पूजन सामग्री

भूमि पूजन सामग्री अर्थात गृहारंभ पूजन सामग्री

भूमि पूजन सामग्री अर्थात गृहारंभ पूजन सामग्री : आवास गृहस्थों की अनिवार्य आवश्यकता है। पैतृक आवास कितना भी सुदृढ़ हो उसमें दो पीढ़ी का निवास करना भी असंभव सा ही होता है। घर बनाने से पूर्व गृहारंभ की विशेष विधि बताई गयी है। इस आलेख में गृहारंभ सामग्रियों की सूची दी गई है।

Read More
संध्या तर्पण विधि

संध्या तर्पण विधि

संध्या तर्पण विधि : शारीरिक शुद्धि अर्थात शुचिता के बाद नित्यकर्म में संध्या, तर्पण, पंचदेवता व विष्णु पूजन का क्रम आता है। संध्या तो त्रैकालिक होती है अर्थात प्रातः, मध्यान और सायाह्न तीनों कालों में करणीय है, किन्तु तर्पण व पंचदेवता विष्णु पूजन प्रातः का ही नित्यकर्म है ये दोनों त्रैकालिक नहीं हैं।

Read More
नित्यकर्म विधि – भाग ३, शुचिता

नित्यकर्म विधि – भाग ३, शुचिता

यहाँ शुचिता के महत्त्व एवं विधान के विषय में जानकारी दी गई है। शरीर और आत्मा की शुद्धता बनाए रखने के लिए शौच, दन्तधावन, स्नान जैसे विधियों का पालन करना आवश्यक है। इसमें दिशा, वस्त्र-यज्ञोपवीत एवं स्नान के नियम तथा महत्वपूर्ण विधियाँ सम्मिलित हैं। इससे स्पष्ट होता है कि शुचिता का पालन करना शारीरिक और आत्मिक शुद्धता के लिए कितना महत्वपूर्ण है।

Read More
प्रातः स्मरण मंत्र - प्रातः वंदना

क्या आप ये प्रातः स्मरण मंत्र जानते हैं ? प्रातः वंदना करने की पूरी विधि

प्रातः स्मरण मंत्र – प्रातः वंदना : यह पोस्ट ब्रह्ममुहूर्त में उठने, अपना स्वर जाँचने, करदर्शन, पृथ्वी से क्षमा और गण्डूष के नियम जैसी प्रातः कृत्यों की महत्ता पर बात करता है। इसमें वर्णित है कि ब्रह्ममुहूर्त रात्रि का चौथा पहर होता है और इसका काल सूर्योदय से 3 घंटे पहले शुरू होता है और ३६ मिनट पहले समाप्त होता है। यह पोस्ट विशेषरूप से प्रातःरिति और धार्मिक अभ्यासों की प्रामाणिकता एवं महत्व को स्पष्ट करने में सहायक होती है।

Read More
नित्य कर्म पूजा पद्धति मंत्र

नित्य कर्म पूजा पद्धति मंत्र – Nitya Karm Puja

नित्य कर्म पूजा पद्धति मंत्र – Nitya Karm Puja : यह लेख नित्यकर्म और उनके महत्व के बारे में है। यह बताता है कि नित्यकर्म मानव जीवन के दोषों को मार्जित करने और उत्तरदायित्वों को निभाने के लिए आवश्यक होते हैं। ऐसे कर्म, जो शास्त्रोक्त विधि के अनुसार प्रतिदिन किये जाते हैं, नित्यकर्म कहलाते हैं। ये न केवल सामान्य नित्यकर्म होते हैं, बल्कि मनुष्यत्व के सार्थकता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।

Read More