नरक निवारण चतुर्दशी कब है – पूजा विधि
लिङ्गपुराण में नरक निवारण चतुर्दशी की कथा है जिसमें इसकी महिमा बताते हुये कहा गया है : अश्वमेधसहस्राणि वाजपेयशतानि च। प्राप्नोति तत्फलं सर्वं नात्र कार्या विचारणा॥ एक हजार अश्वमेध यज्ञ और एक सौ वाजपेय यज्ञ करने से जो फल प्राप्त होता है वो फल नरक निवारण चतुर्दशी व्रत करने से प्राप्त होता है, इसमें विचार नहीं करना चाहिये अर्थात शंका नहीं करनी चाहिये।