बाल कृष्ण सहस्रनाम – bal krishna sahasranam

बाल कृष्ण सहस्रनाम - bal krishna sahasranam

कलौ बालेश्वरो देवः कलौ गङ्गेव केवला । कलौ नास्त्येव नास्त्येव नास्त्येव गतिरन्यथा ॥ अर्थात कलयुग में बालेश्वर ही देवता हैं और केवल गंगा ही गति देने वाली है इनके अतिरिक्त कलयुग में कोई अन्य गति नहीं है नहीं है नहीं है। भगवान कृष्ण की पूजा में उनके बालरूप का विशेष महत्व है जिन्हें बालकृष्ण, बालगोपाल कहा जाता है। यदि हाथ में लड्डू हो तो लड्डू गोपाल भी कहा जाता है। यदि आप बालकृष्ण के सहस्रनाम का अवलोकन करना चाहते हैं तो वह नारद पंचरात्र में शिव-पार्वती संवादात्मक है। इस सहस्रनाम को गोपाल सहस्रनाम और बाल कृष्ण सहस्रनाम से जाना जाता है जो यहां दिया गया है।

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।

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