यहां पढ़ें त्रिपुर भैरवी कवच स्तोत्र संस्कृत में – Tripura Bhairavi Kavach stotra

यहां पढ़ें त्रिपुर भैरवी कवच स्तोत्र संस्कृत में - Tripura Bhairavi Kavach stotra

दश महाविद्या में से त्रिपुर भैरवी माता को पांचवी महाविधा के रूप में जाना जाता है। यहां दिया गए कवच त्रिपुर भैरवी महाविद्या की साधना को समर्पित एक स्तोत्र है। त्रिपुर भैरवी कवच का पाठ साधक के लिए अत्यंत फलदायक और शुभकारक माना जाता हैं। त्रिपुर भैरवी कवच का पाठ करने से आजीविका और व्यापार में वृद्धि होती है, सुरक्षा और स्थिरता प्राप्त होती है। त्रिपुर भैरवी कवच के पाठ से, शरीर में आकर्षण उत्पन्न होता है, नेत्रों में सम्मोहन बना रहता है, स्त्रियाँ उसकी और आकर्षित होती है, वह एक बच्चे से लेकर, बड़े अधिकारी आदि तक सबको सम्मोहित कर लेता है। यहां त्रिपुर भैरवी कवच स्तोत्र (Tripura Bhairavi Kavach stotra) संस्कृत में दिया गया है।

त्रिपुर भैरवी कवच का पाठ करते समय त्रिपुर भैरवी यंत्र सामने रखने पर साधक में सकरात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है तथा उसके आत्मविश्वास में वृद्धि होने लगती हैं, जिससे प्रत्येक कार्य में उसे सफलता मिलने लग जाती हैं। ऐसा देखा गया हैं, कि इस कवच का पाठ करने के साथ त्रिपुर भैरवी यंत्र पहनने से दाम्पत्य-जीवन में आने वाली सभी समस्यायें भी दूर होने लगती हैं। मनोवांछित वर या कन्या से विवाह करने का सुख प्राप्त होता हैं, अच्छे जीवन साथी का साथ मिलने से जीवन सुखमय बन जाता हैं। महाविद्या की साधना अनायास ही नहीं करनी चाहिये योग्य गुरु का मार्गदर्शन प्राप्त करके ही आरंभ करे।

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।

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