यहां पढ़ें मां कमला कवच स्तोत्र संस्कृत में - kamala kavach

यहां पढ़ें मां कमला कवच स्तोत्र संस्कृत में – kamala kavach

यहां पढ़ें मां कमला कवच स्तोत्र संस्कृत में – kamala kavach : महाविद्या साधना प्रकरण में दसवीं महाविद्या कमला हैं। माता कमला की उपासना करते हैं उनके लिये कमला कवच स्तोत्र का भी विशेष महत्व होता है। यहां कमला कवच स्तोत्र (Kamla Kavach Stotra) संस्कृत में दिया गया है।

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यहां पढ़ें मां मातंगी कवच स्तोत्र संस्कृत में - matangi kavach

यहां पढ़ें मां मातंगी कवच स्तोत्र संस्कृत में – matangi kavach

यहां पढ़ें मां मातंगी कवच स्तोत्र संस्कृत में – matangi kavach : यहां रुद्रयामलोक्त मातंगी कवच सहित दो अन्य मातंगी कवच (matangi kavach) भी संस्कृत में दिया गया है।

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यहां पढ़ें शत्रु नाशक बगलामुखी कवच स्तोत्र संस्कृत में - baglamukhi shatru nashak kavach

यहां पढ़ें शत्रु नाशक बगलामुखी कवच स्तोत्र संस्कृत में – baglamukhi shatru nashak kavach

यहां पढ़ें शत्रु नाशक बगलामुखी कवच स्तोत्र संस्कृत में – baglamukhi shatru nashak kavach : मां बगलामुखी के अनेकों कवच स्तोत्र हैं जिनमें से तीन कवच स्तोत्र पूर्व प्रकाशित है। मां बगलामुखी की उपासना मुख्य रूप से शत्रु पर विजय प्राप्ति की कामना से की जाती है और इसमें शत्रु विनाशक कवच स्तोत्र का पाठ बहुत ही लाभकारक होता है।

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यहां पढ़ें मां बगलामुखी कवच स्तोत्र संस्कृत में - maa baglamukhi kavach

यहां पढ़ें मां बगलामुखी कवच स्तोत्र संस्कृत में – maa baglamukhi kavach

यहां पढ़ें मां बगलामुखी कवच स्तोत्र संस्कृत में – maa baglamukhi kavach : यहां सर्वप्रथम रुद्रयामलतन्त्रोक्त बगलामुखी कवच स्तोत्र तदनंतर विश्वसारोद्धारतन्त्रोक्त बगलामुखी कवच स्तोत्र पुनः रुद्रयामलोक्त महाविद्यापीताम्बरा बगलामुखी कवच स्तोत्र दिया गया है। सभी स्तोत्र संस्कृत में हैं।

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यहां पढ़ें धूमावती माता का कवच स्तोत्र संस्कृत में - dhumavati kavach

यहां पढ़ें धूमावती माता का कवच स्तोत्र संस्कृत में – dhumavati kavach

यहां पढ़ें धूमावती माता का कवच स्तोत्र संस्कृत में – dhumavati kavach : एक साथ तीनों कालों या काल के परे भी देख लेने की जो विधा है, समय को अपने अनुरूप जानने और उसको बदलने का सामर्थ्य माता धूमावती के साधकों को प्राप्त होता है। परंतु ये सरलता से पहचाने नहीं जाते। सामान्य जनों-जनसमूहों से दूरी बनाकर पहाड़ों-जंगलों में रखते हैं। उन्हें अशुभ माना जाता है क्योंकि बहुधा सच वह नही होता, जैसा कि हम चाहते हैं।

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यहां पढ़ें छिन्नमस्ता कवच स्तोत्र संस्कृत में - maa chinnamasta kavach

यहां पढ़ें छिन्नमस्ता कवच स्तोत्र संस्कृत में – maa chinnamasta kavach

यहां पढ़ें छिन्नमस्ता कवच स्तोत्र संस्कृत में – maa chinnamasta kavach : यहां छिन्नमस्ता कवच स्तोत्र (maa chinnamasta kavach) संस्कृत में दिया गया है। यह कवच भैरव-भैरवी संवाद रूप में भैरवतंत्र में वर्णित है जिसे त्रैलोक्यविजय नामक कवच भी कहा जाता है।

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यहां पढ़ें त्रिपुर भैरवी कवच स्तोत्र संस्कृत में - Tripura Bhairavi Kavach stotra

यहां पढ़ें त्रिपुर भैरवी कवच स्तोत्र संस्कृत में – Tripura Bhairavi Kavach stotra

यहां पढ़ें त्रिपुर भैरवी कवच स्तोत्र संस्कृत में – Tripura Bhairavi Kavach stotra : दश महाविद्या में से त्रिपुर भैरवी माता को पांचवी महाविधा के रूप में जाना जाता है। यहां दिया गए कवच त्रिपुर भैरवी महाविद्या की साधना को समर्पित एक स्तोत्र है।

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यहां पढ़ें भुवनेश्वरी कवच स्तोत्र संस्कृत में ~ bhuvaneshwari kavach

यहां पढ़ें भुवनेश्वरी कवच स्तोत्र संस्कृत में ~ bhuvaneshwari kavach

यहां पढ़ें भुवनेश्वरी कवच स्तोत्र संस्कृत में ~ bhuvaneshwari kavach : सर्वप्रथम श्रीमायातन्त्रोक्त भुवनेश्वरीकवच दिया गया है तदुपरांत रुद्रयामलोक्त त्रैलोक्यमङ्गलं नामक भुवनेश्वरी कवच है और पुनः एक महत्वपूर्ण भुवनेश्वरी कवच जिसे त्रैलोक्यमोहन कवच के नाम से भी जाना जाता है दिया गया है। सभी कवच स्तोत्र संस्कृत में हैं।

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यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी कवच स्तोत्र संस्कृत में - tripura sundari kavach

यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी कवच स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari kavach

यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी कवच स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari kavach : माता त्रिपुरसुन्दरी अर्थात षोडशी महाविद्या कवच रुद्रयामल तंत्र से लिया गया है। विनियोग और ध्यान सही यहां संस्कृत में षोडशी महाविद्या कवच स्तोत्र दिया गया है।

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यहां पढ़िये तारा कवच स्तोत्र - Tara Kavach stotram

यहां पढ़िये तारा कवच स्तोत्र – Tara Kavach stotram

यहां पढ़िये उग्रतारा प्रत्यङ्गिरा कवच – Tara Kavach stotram : तारा कवच अथवा उग्रतारा कवच रुद्रयामल तंत्र में वर्णित है और इसके साथ ही एक अन्य तारा प्रत्यङ्गिरा कवच स्तोत्र भी है जिसे उग्रतारा प्रत्यङ्गिरा कवच, नीलसरस्वती कवच आदि नामों से भी जाना जाता है। यहां रुद्रयामोक्त तारा कवच और तारा प्रत्यंगिरा कवच दोनों दिया गया है।

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