कर्मकांड कैसे सीखें :
सम्पूर्ण पूजन विधि या कर्मकांड पूजा पद्धति एक अलग विषय है एवं एकांगी है। कर्मकांड सीखने के लिये जिन विषयों पर विशेष ध्यान देना चाहिये वो हैं – कंडी, चंडी और पिण्डी।
१. कंडी – कंडी सीखने का अर्थ कुशकण्डिका विधि का ज्ञान है जो अनिवार्य है। वैसे नये कर्मकांडी इस विषय की अनदेखी करते हुये देखे जाते हैं। सम्पूर्ण कर्मकांड में कुश का विशेष प्रयोग होता है बिना कुश के कर्मकांड नहीं हो सकता। कुशकण्डिका हवन में एक विशेष विधि भी है। कण्डी का भाव कुश की प्रयोग विधि सहित हवन विधि है। सभी प्रकार के कर्मकांड में हवन ही विशेष महत्वपूर्ण होता है इसलिये शास्त्रीय हवन विधि को अवश्य सीखना चाहिये। विधिहीन हवन वाला कर्मकांड निष्फल होता है।
२. चंडी – चंडी में शक्ति आराधना, सप्तशती पाठ आदि दी गयी है। सम्पूर्ण सृष्टि ही शक्ति से संचालित हो रही है। एक भूखा शेर भी निःशक्त होने पर शिकार करके भोजन नहीं कर सकता। भोजन करने के लिये भी शक्ति की आवश्यकता होती है। शक्ति की आराधना अत्यावश्यक है और सप्तशती का शुद्ध पाठ करना भी जटिल कार्य है। एक कुशल कर्मकांडी बनने के लिये चंडी की अर्चना, सप्तशती का शुद्ध पाठ करना विशेष आवश्यक है।
३. पिण्डी – पिण्डी का तात्पर्य कुलदेवता स्थापन अर्थात सम्पूर्ण पूजन विधि है। पिण्डी के अंतर्गत पूजा विधि मंत्र सहित समझा या सीखा जाता है। पूजा विधि के सीखने के लिये कुलदेवता का ही उल्लेख होने का क्या तात्पर्य हो सकता है ? सबसे पहली बात की कुलदेवता का महत्व प्रदर्शित होता है। दूसरी बात पंचोपचार, दशोपचार या षोडशोपचार पूजा की समस्त विधियां कुलदेवता पूजन के माध्यम से सीखी जा सकती है। लेकिन पिण्डी का वास्तविक तात्पर्य सपिंडीकरण श्राद्ध लिया जाता है सभी श्राद्धों में सपिंडीकरण श्राद्ध अधिक जटिल है और जो सपिंडीकरण श्राद्ध समझ गया वो श्राद्ध कराना सीख गया।
कंडी, चंडी और पिण्डी सीखने के बाद सम्पूर्ण पूजन विधि, संपूर्ण हवन विधि और तर्पण-श्राद्ध आदि का ज्ञान हो जाता है और सभी संस्कार, व्रत-उद्यापन, विशेष यज्ञ-अनुष्ठानों में भी पूजा-हवन ही किया जाता है। इसके अतिरिक्त अन्य विषय भी होते हैं जैसे – रुद्राभिषेक विधि, गण्डान्त-मंगली-ग्रह दोष आदि की शांति विधि, उपनयन-विवाह आदि संस्कारों की अन्य अतिरिक्त विधि, कथा वाचन भी सीखने की आवश्यकता होती है।
ऑनलाइन कर्मकांड कैसे सीखें :
कर्मकांड ऑनलाइन सीखने का विषय नहीं है। कर्मकांड सीखने के लिये गुरुमुखी होना आवश्यक है। हां ऑनलाइन सामग्रियों से ज्ञान में वृद्धि अवश्य होती है। कर्मकांड सीखने के लिये आपको कर्मकांड विधि वेबसाइट – https://karmkandvidhi.in/ पर भी बहुत सारी सामग्री उपलब्ध है जो सहायक सिद्ध हो सकती है।
क्या कर्मकांड विधि वेबसाइट पर कंडी, चंडी और पिण्डी सम्बन्धी है ?
हां, कर्मकांड विधि वेबसाइट पर कर्मकांड के तीनों अंग कंडी, चंडी और पिण्डी से सम्बंधित विशेष सामग्री उपलब्ध है। संपूर्ण पूजा विधि एवं विशेष पूजा-अनुष्ठान विधि, हवन विधि – pdf, श्राद्ध कर्म विधि pdf उपलब्ध है। साथ ही यहाँ यथा समय विभिन्न व्रतों की विधि भी प्रस्तुत की जाती है। अन्य अपेक्षित सामग्री के लिये भी आप सुझाव प्रदान कर सकते हैं।
इस प्रकार कर्मकांड सीखने वालों के लिये कर्मकांड विधि वेबसाइट विशेष महत्वपूर्ण सामग्री प्रस्तुत करता है एवं कर्मकांड सीखने हेतु विशेष उपयोगी या सहायक सिद्ध हो सकता है।
इन वचनों से अनेक धर्म का तर्क तो आता है परन्तु वह वर्णाश्रम धर्म, व्यवहार धर्म आदि का सूचक है न की धर्म की अनेकता का।
कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।