यहां पढ़ें धूमावती माता का कवच स्तोत्र संस्कृत में - dhumavati kavach

यहां पढ़ें धूमावती माता का कवच स्तोत्र संस्कृत में – dhumavati kavach

यहां पढ़ें धूमावती माता का कवच स्तोत्र संस्कृत में – dhumavati kavach : एक साथ तीनों कालों या काल के परे भी देख लेने की जो विधा है, समय को अपने अनुरूप जानने और उसको बदलने का सामर्थ्य माता धूमावती के साधकों को प्राप्त होता है। परंतु ये सरलता से पहचाने नहीं जाते। सामान्य जनों-जनसमूहों से दूरी बनाकर पहाड़ों-जंगलों में रखते हैं। उन्हें अशुभ माना जाता है क्योंकि बहुधा सच वह नही होता, जैसा कि हम चाहते हैं।

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यहां पढ़ें धूमावती माता को प्रसन्न करने वाले स्तोत्र संस्कृत में - dhumavati stotram

यहां पढ़ें धूमावती माता को प्रसन्न करने वाले स्तोत्र संस्कृत में – dhumavati stotram

यहां पढ़ें धूमावती माता को प्रसन्न करने वाले स्तोत्र संस्कृत में – dhumavati stotram : धूमावती की पूजा-अराधना करने से आयु, यश, शक्ति, आरोग्य आदि की वृद्धि होती है। माँ धूमावती के स्तोत्रादि का पाठ करने से नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं। माता धूमावती ऊर्ध्वाम्नाय की देवी हैं। माता धूमावती की साधना में पवित्रता की विशेष आवश्यकता होती है। यहां धूमावती स्तोत्र (dhumavati stotram) संस्कृत में दिया गया है।

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यहां पढ़ें छिन्नमस्ता सहस्रनाम स्तोत्र संस्कृत में - chinnamasta sahasranama

यहां पढ़ें छिन्नमस्ता सहस्रनाम स्तोत्र संस्कृत में – chinnamasta sahasranama

यहां पढ़ें छिन्नमस्ता सहस्रनाम स्तोत्र संस्कृत में – chinnamasta sahasranama : यहां श्रीविश्वसारतन्त्रोक्त छिन्नमस्ता सहस्रनाम स्तोत्र (chinnamasta sahasranama stotram) संस्कृत में दिया गया है।

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यहां पढ़ें छिन्नमस्ता अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र संस्कृत में - chinnamasta ashtottara shatanama stotram

यहां पढ़ें छिन्नमस्ता अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र संस्कृत में – chinnamasta ashtottara shatanama stotram

यहां पढ़ें छिन्नमस्ता अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र संस्कृत में – chinnamasta ashtottara shatanama stotram : यहां छिन्नमस्ता अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र (chinnamasta ashtottara shatanama stotram) संस्कृत में दिया गया है।

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यहां पढ़ें छिन्नमस्ता हृदय स्तोत्र संस्कृत में - chinnamasta hridaya stotra

यहां पढ़ें छिन्नमस्ता हृदय स्तोत्र संस्कृत में – chinnamasta hridaya stotra

यहां पढ़ें छिन्नमस्ता हृदय स्तोत्र संस्कृत में – chinnamasta hridaya stotra : माता छिन्नमस्ता जो कि दशमहाविद्या में से एक हैं,सकल चिंताओं का अंत करती है और मन में चिन्तित हर कामना को पूर्ण करती हैं; इसलिए उन्हें चिंतपुरणी या चिंतापुरणी भी कहा जाता है। हिमाचल प्रदेश में देवी छिन्नमस्ता का एक प्रसिद्ध मंदिर भी जो चिंतपुरणी मंदिर नाम से जाना जाता है। यहां छिन्नमस्ता हृदय स्तोत्र (chinnamasta hridaya stotra) संस्कृत में दिया गया है।

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यहां पढ़ें छिन्नमस्ता कवच स्तोत्र संस्कृत में - maa chinnamasta kavach

यहां पढ़ें छिन्नमस्ता कवच स्तोत्र संस्कृत में – maa chinnamasta kavach

यहां पढ़ें छिन्नमस्ता कवच स्तोत्र संस्कृत में – maa chinnamasta kavach : यहां छिन्नमस्ता कवच स्तोत्र (maa chinnamasta kavach) संस्कृत में दिया गया है। यह कवच भैरव-भैरवी संवाद रूप में भैरवतंत्र में वर्णित है जिसे त्रैलोक्यविजय नामक कवच भी कहा जाता है।

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यहां पढ़ें छिन्नमस्ता स्तोत्र संस्कृत में - maa chinnamasta stotra

यहां पढ़ें छिन्नमस्ता स्तोत्र संस्कृत में – maa chinnamasta stotra

यहां पढ़ें छिन्नमस्ता स्तोत्र संस्कृत में – maa chinnamasta stotra : यहां सर्वप्रथम माता छिन्नमस्ता के अनेकानेक ध्यान मंत्र दिये गये हैं तत्पश्चात अत्यंत प्रभावशाली ब्रह्मकृतं छिन्नमस्तास्तोत्रम् जिसे छिन्नमस्ता स्तवराज के नाम से भी जाना जाता है दिया गया है तत्पश्चात शंकराचार्य विरचित स्तोत्र जिसे प्रचण्डचण्डिका स्तवराज भी कहा जाता है दिया गया है और अंत में छिन्नमस्ता द्वादशनाम स्तोत्र जो कि बहुत ही महत्वपूर्ण स्तोत्र है दिया गया है।

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यहां पढ़ें त्रिपुर भैरवी सहस्रनाम स्तोत्र संस्कृत में - Tripura Bhairavi sahasranam stotra

यहां पढ़ें त्रिपुर भैरवी सहस्रनाम स्तोत्र संस्कृत में – Tripura Bhairavi sahasranam stotra

यहां पढ़ें त्रिपुर भैरवी सहस्रनाम स्तोत्र संस्कृत में – Tripura Bhairavi sahasranam stotra : त्रिपुर शब्द का अर्थ है, तीनो लोक अर्थात “स्वर्ग, पृथ्वी और पाताल” और भैरवी विनाश के एक सिद्धांत के रूप में अवस्थित हें, तात्पर्य है तीन लोको में सर्वनाशक या विध्वंस कि जो शक्ति है, वह भैरवी है। देवी त्रिपुर भैरवी का घनिष्ठ सम्बन्ध ‘काल भैरव’ से है, जो जीवित तथा मृत जीवों को उनके दुष्कर्मो के अनुसार दंड देते है तथा अत्यंत भयानक स्वरूप वाले तथा उग्र स्वाभाव वाले हैं। यहां त्रिपुर भैरवी सहस्रनाम स्तोत्र (Tripura Bhairavi sahasranam stotra) संस्कृत में दिया गया है।

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यहां पढ़ें त्रिपुर भैरवी हृदय स्तोत्र संस्कृत में - Tripura Bhairavi Hriday stotra

यहां पढ़ें त्रिपुर भैरवी हृदय स्तोत्र संस्कृत में – Tripura Bhairavi Hriday stotra

यहां पढ़ें त्रिपुर भैरवी हृदय स्तोत्र संस्कृत में – Tripura Bhairavi Hriday stotra : ब्रह्मांडपुराण में माता त्रिपुर भैरवी को गुप्त योगिनियों की अधिष्ठात्री देवी के रूप में चित्रित किया गया है। मत्स्यपुराण में इनके त्रिपुरभैरवी, रुद्रभैरवी, चैतन्यभैरवी तथा नित्या भैरवी आदि नाम-रूपों का वर्णन प्राप्त होता है। इंद्रियों पर विजय और सर्वत्र उत्कर्ष की प्राप्ति हेतु त्रिपुरभैरवी की उपासना का वर्णन शास्त्रों में मिलता है। यहां त्रिपुर भैरवी हृदय स्तोत्र (Tripura Bhairavi Hriday stotra) संस्कृत में दिया गया है।

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यहां पढ़ें त्रिपुर भैरवी कवच स्तोत्र संस्कृत में - Tripura Bhairavi Kavach stotra

यहां पढ़ें त्रिपुर भैरवी कवच स्तोत्र संस्कृत में – Tripura Bhairavi Kavach stotra

यहां पढ़ें त्रिपुर भैरवी कवच स्तोत्र संस्कृत में – Tripura Bhairavi Kavach stotra : दश महाविद्या में से त्रिपुर भैरवी माता को पांचवी महाविधा के रूप में जाना जाता है। यहां दिया गए कवच त्रिपुर भैरवी महाविद्या की साधना को समर्पित एक स्तोत्र है।

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