वर्तमान युग में विशेष रूप से आभासी दुनियां पर जिसे मन आये धर्मगुरु बन जाता है और जो मन में आये बकता जाता है। ऐसे लोगों का धर्म-शास्त्रों से, कर्मकांड से कोई संबंध नहीं होता मात्र आलेख/विडियो आदि के माध्यम से टका की कमाई करना होता है। इसी कड़ी में एक गंभीर प्रश्न जिसकी चर्चा होती है वो है : दीपक के नीचे रखे चावल का क्या करें ? इस आलेख में शास्त्रोक्त तथ्यों के साथ इस विषय की चर्चा की गयी है। साथ ही साथ इस विषय से सम्बंधित अनेकों अन्य चर्चा एवं प्रश्नों के उत्तर भी दिये गए हैं।
दीपक के नीचे रखे चावल का क्या करें – deepak ke niche rakhe chawal ka kya karen
दीपक के नीचे रखे चावल का क्या करें इस प्रश्न का उत्तर जानने से पूर्व यह जानना आवश्यक है कि दीपक के नीचे क्या और क्यों रखना चाहिये? क्या दीपक के नीचे चावल रखना ही शास्त्रोक्त विधान है ? इस विषय को समझने के पश्चात् ही यह स्पष्ट हो सकता है कि दीपक के नीचे रखे चावल का क्या करें ?
- नित्य पूजा विधि में जो प्रतिदिन करते हैं जब भी दीपक रखना हो तो आसन पर ही रखना चाहिए भूमि पर कभी नहीं। यदि अनुष्ठान-यज्ञ में बहुत सारे दीप जला रहे हैं तो सबके लिए आसन की व्यवस्था न होने पर विकल्प रूप से अक्षत पुंज (चावल की ढेर) पर रखा जा सकता है। दीपावली के शुभ अवसर पर भी यही विधि ग्रहण की जा सकती है।
- किन्तु यह विकल्प है प्रतिदिन की जाने वाली पूजा में अथवा अन्य शान्तिक-पौष्टिक कर्मों में भी यदि दीप की संख्या अधिक न हो तो आसन आवश्यक होता है, जब मुख्य व्यवस्था न की जा सके तभी विकल्प ग्राह्य होता है। चावल आसन के विकल्प रूप में दिया जाता है।

दीपक के नीचे क्या रखना चाहिए?
प्रमाण
सर्व्वंसहा वसुमती सहते न त्विदं द्वयं ।
अकार्य्यपादघातञ्च दीपतापस्तथैव च ॥
पृथ्वी सब कुछ सहन करती है किन्तु दो चीजें असह्य बताई गई है :- बिना कारण के पादघात (पैर पटकना) और दीपक का ताप अर्थात् उष्मा ।
प्रथम कारण तो यही है कि दीप भूमि पर भूमि पर नहीं रखा जाता है, वैकल्पिक आसन हेतु चावल प्रदान किया जाता है। एक और कारण भी है : दीप में भी देवत्व होता है, दीप की भी पूजा की जाती है और इस कारण भी बिना आसन के भूमि पर दीप रखने के लिए शास्त्रों में निषेध वचन प्राप्त होता है।
पूजा करते समय रक्षाविधान में, नृत्य काल में, क्रीड़ा में, युद्ध में पृथ्वी पर जो पदाघात होता है वह अकारण की श्रेणी में नहीं आता।
दीपक के नीचे चावल क्यों रखते हैं
निष्कर्ष : दीपक के नीचे चावल तब रखा जाता है, जब दीपक के लिए आसन नहीं होता, क्योंकि दीपक को भूमि पर सीधे नहीं रखा जाता हैं। चावल को वैकल्पिक आसन के रूप में प्रयोग किया जाता है।
दीपक में भी देवत्व होता है, और शास्त्रों के अनुसार भूमि पर दीपक को रखने के निषेध होता है। इसलिए, दीपक के लिए आसन की आवश्यकता होती है, और जब आसन नहीं होता, तब चावल का प्रयोग किया जाता है।
दीपक देवताओं के दाहिनी ओर और देवियों के बांयी ओर रखनी चाहिए।
दीपक के नीचे रखे चावल का क्या करें : किसी भी प्रश्न का शास्त्रोक्त प्रमाण सहित उत्तर मिले तो ही विश्वसनीय होता है। जो लोग दीपक के नीचे रखे चावल के बारे में अनेकों आलेख/विडियो आदि के माध्यम से भ्रम का प्रसारण कर रहे हैं, प्रश्न यह है कि क्या किसी ने कोई प्रमाण प्रस्तुत किया है ? उन सभी से शास्त्रोक्त प्रमाण की मांग करनी चाहिये जो दीपक के नीचे रखे चावल के संबंध में जन-सामान्य को भ्रामक जानकारी दे रहे हैं।
अब इस प्रश्न का उत्तर सहज ही प्राप्त हो जाता है कि दीपक के नीचे रखे हुये जो भी द्रव्य हों उसका क्या प्रयोजन होता है और क्या करना चाहिये। दीपक के नीचे किसी पत्र-पात्र आदि का आसन दे तो ? जिस प्रकार पूजा में उपयोग किये गये अन्य सभी वस्तुयें निर्माल्य हो जाती है और किसी पवित्र स्थान पर छोड़ी जाती है उसी प्रकार दीपक के नीचे जो चावल रखा जाता है उसे भी करना चाहिये।
सारांश : वर्तमान समय में कई लोग बिना किसी ज्ञान के आभासी दुनिया में धर्मगुरु बनते जा रहे हैं, जो केवल वीडियो और आलेखों के माध्यम से प्रसिद्धि तो प्राप्त कर रहे हैं, किन्तु शास्त्रोक्त जानकारी प्रस्तुत न करके अप्रमाणिक कुतर्क करते रहते हैं। एक महत्वपूर्ण विषय है दीपक के नीचे चावल रखने का। शास्त्रों के अनुसार, चावल दीपक के लिए वैकल्पिक आसन के रूप में प्रयोग होता है। दीपक को सीधे भूमि पर नहीं रखना चाहिए, इसलिए इसे चावल पर रखा जाता है।
यदि और कोई आसन उपलब्ध नहीं है तो चावल का प्रयोग आवश्यक होता है। इस आलेख में चावल के उपयोग, शास्त्रों के प्रमाण और अन्य संबंधित प्रश्नों का उत्तर दिया गया है।
F & Q :
प्रश्न : दीपक के नीचे चावल क्यों रखा जाता है?
उत्तर : यदि दीप के लिए आसन न हो तो दीपक के नीचे चावल रखा जाता है।
प्रश्न : दीपक किस जगह रखनी चाहिये?
उत्तर : दीपक देवताओं के दाहिनी ओर एवं देवियों के बांयी ओर रखनी चाहिए; और ये नियम घी वाले दीप का है । यदि तेल का दीप हो तो उस नियम के विपरीत रखना चाहिये।
प्रश्न : दीपक की लौ किस दिशा में रखनी चाहिये?
उत्तर : दिन में दीपक की लौ पूर्व दिशा में एवं रात को उत्तर दिशा की ओर रखनी चाहिये।
प्रश्न : दीपक के नीचे आसन में क्या देना चाहिये?
उत्तर : यूं तो दीपक के नीचे चावल रखा जाता है? मगर क्या आप जानते हैं कि दीपक के नीचे चावल क्यों रखते हैं? दीपक के नीचे आसन के लिए छोटी चौकी, या काठ की पट्टी, या कोई बर्तन (पात्र) रखना चाहिये।
प्रश्न : चौमुख दीप कब जलाते हैं ?
उत्तर : चौमुख दीप कलश स्थापन के समय जलाते हैं। यदि दो चौमुख दीप हो तो दूसरा दीप प्रधान देवता को दिखाते हैं।
प्रश्न : यम को कैसा दीप देना चाहिये ?
उत्तर : यम को एक लौ वाली दीया देनी चाहिये।
प्रश्न : यम दीप की लौ किस दिशा में रखनी चाहिये?
उत्तर : यमदीप की लौ दक्षिण दिशा में रखनी चाहिये और ऐसा तभी होगा जब एक लौ हो । चौमुख में ऐसा नहीं होता ।
प्रश्न : यम को दीप क्यों दिया जाता है ?
उत्तर : अकालमृत्यु निवारण के लिये यम को दीप दिया जाता है।
प्रश्न : यम कहां रहते हैं ?
उत्तर : यम यमलोक में रहते हैं।
प्रश्न : यम को दीप कब देते हैं?
उत्तर : यम को सायंकाल में दीप देते हैं।
प्रश्न : यम को कितना दीप देना चाहिये ?
उत्तर : परिवार में कुल जितने सदस्य हों उतनी दीप देना चाहिये।
प्रश्न : यम का दीप जगह दिया जाता है ?
उत्तर : यम का दीप घर से बाहर कहीं एकांत में दिया जाता है।
प्रश्न : दीप को कब बुझाना चाहिये ?
उत्तर : कभी भी किसी दीप को नहीं बुझाना चाहिये।
प्रश्न : दीप देने के बाद क्या करना चाहिये ?
उत्तर : किसी भी देवी-देवता को दीप देने के बाद हाथ धोना चाहिये।
यदि आपका कोई प्रश्न छूट गया हो तो टिप्पणी करके अवश्य बताएं, यथाशीघ्र जोड़ने का प्रयास करेंगे।
कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।