पढिये माँ तारा स्तोत्र ताराकर्पूरस्तोत्रम् – maa tara stotra

पढिये माँ तारा स्तोत्र ताराकर्पूरस्तोत्रम् - maa tara stotra

माता तारा के स्तोत्रों में एक प्रमुख स्तोत्र है ताराकर्पूरस्तोत्र जो श्रीफेत्कारीतन्त्र से लिया गया है। यहां फेत्कारी तंत्रोक्त ताराकर्पूरस्तोत्र (maa tara stotra) संस्कृत में दिया गया है जो माँ तारा की उपासना में विशेष लाभकारी है।

बृहन्नीलतन्त्रोक्त तारिणीनीलसरस्वती स्तोत्र

॥ इति बृहन्निलतन्त्रे द्वितीयपटले तारिणीनीलसरस्वतीस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥

जिनकी 10 भुजाये है और क्रमशः उन भुजाओ में खड्ग, चक्र, गदा, बाण, धनुष, परिघ, त्रिशूल, भुशुण्डी, मुण्ड और शङ्ख धारण किया है।

ऐसी तीन नेत्रों वाली त्रिनेत्रा सभी अङ्गो में आभूषणों से विभूषित नीलमणि जैसी आभावाली दशमुखों वाली और दश पैरों वाली महाकाली माता; जिनकी स्तुति मधु कैटभ का वध करने के लिए विष्णु के सो जाने पर साक्षात् ब्रह्मदेव (ब्रह्माजी) ने की थी; का मैं ध्यान करता (या करती) हूँ।

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।

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