माँ तारा ध्यान मंत्र संस्कृत में पढ़ें – Tara dhyan mantra

माँ तारा ध्यान मंत्र संस्कृत में पढ़ें - Tara dhyan mantra

दशमहाविद्या में से द्वितीय क्रम पर माता तारा आती हैं। माता काली की उपासना के लिये भी ध्यान मंत्रों की आवश्यकता होती है इसलिये यहां माता तारा के ध्यान का तीन मंत्र दिये गये हैं। इसके साथ ही सात्विक, राजसी और तामसी तारा ध्यान मंत्र (Tara dhyan mantra) भी दिये गये हैं।

ध्यान ~ 1

ध्यान ~ 2

ध्यान ~ 3

॥ सात्त्विकमूर्तिध्यानम् ॥

॥ राजसमूर्तिध्यानम् ॥

जिनकी 10 भुजाये है और क्रमशः उन भुजाओ में खड्ग, चक्र, गदा, बाण, धनुष, परिघ, त्रिशूल, भुशुण्डी, मुण्ड और शङ्ख धारण किया है।

ऐसी तीन नेत्रों वाली त्रिनेत्रा सभी अङ्गो में आभूषणों से विभूषित नीलमणि जैसी आभावाली दशमुखों वाली और दश पैरों वाली महाकाली माता; जिनकी स्तुति मधु कैटभ का वध करने के लिए विष्णु के सो जाने पर साक्षात् ब्रह्मदेव (ब्रह्माजी) ने की थी; का मैं ध्यान करता (या करती) हूँ।

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।

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