ब्रह्म पुराणोक्त जगन्नाथ स्तोत्र - jagannath stotram

ब्रह्म पुराणोक्त जगन्नाथ स्तोत्र – jagannath stotram

जगन्नाथ स्तोत्र – jagannath stotram : भगवान जगन्नाथ अर्थात जगत के नाथ। भगवान विष्णु का ही नाम जगन्नाथ है और इनका प्रसिद्ध मंदिर पुरी में है। पुरी का नाम ही भगवान जगन्नाथ के नाम पर जगन्नाथ पुरी है। ब्रह्म पुराण में स्वयं ब्रह्मा ने भगवान जगन्नाथ की स्तुति किया है जिसमें पांच श्लोक हैं।

Read More
राधा कृष्ण स्तुति - radha krishna stuti

राधा कृष्ण स्तुति – radha krishna stuti

राधा कृष्ण स्तुति – radha krishna stuti : भगवान श्री कृष्ण का नाम राधा के साथ ही लिया जाता है जैसे राधे कृष्ण, राधे श्याम आदि। इसी प्रकार भगवान श्री कृष्ण की स्तुति में भी युगल स्तुति का विशेष महत्व होता है और इसके लिये पुराणों में राधा कृष्ण स्तुति भी मिलती है। यहां राधा कृष्ण स्तुति (radha krishna stuti) संस्कृत में दी गयी है।

Read More
गोपाल हृदय स्तोत्र - gopal hriday stotra

गोपाल हृदय स्तोत्र – gopal hriday stotra

गोपाल हृदय स्तोत्र – gopal hriday stotra : भगवान गोपाल का जो हृदय स्तोत्र है उसे गोपाल हृदय स्तोत्र नाम से तो जानते ही हैं, इसके साथ ही इसे विष्णु हृदय स्तोत्र नाम से भी जाना जाता है। यहां गोपाल हृदय स्तोत्र (gopal hriday stotra) संस्कृत में दिया गया है।

Read More
श्री गोपाल स्तवराज - Shri Gopala Stavaraja

श्री गोपाल स्तवराज – Shri Gopala Stavaraja

श्री गोपाल स्तवराज – Shri Gopala Stavaraja : भगवान श्रीकृष्ण गोपालन करते थे और इसी कारण उनका एक नाम है गोपाल। भगवान के विषय में कहा गया है “गो द्विज धेनु देव हितकारी”, कर्मकांड में बिना गव्य प्रयोग के कुछ भी संभव नहीं है। यज्ञ का मूल गो है और गो के पालक भगवान स्वयं ही हैं एवं इसी कारण भगवान का एक नाम गोपाल है। स्तोत्रों में जो बहुत ही महत्वपूर्ण होता है उसे स्तवराज कहा जाता है।

Read More
मधुराष्टकं - madhurashtakam

मधुराष्टकं – madhurashtakam

मधुराष्टकं – madhurashtakam : भगवान श्री कृष्ण की स्तुति करें और उसमें मधुराष्टकं न करें ऐसा कैसे हो सकता है। मधुराष्टकं भगवान श्री कृष्ण का ऐसा स्तोत्र है जो अधिकांश लोगों कंठाग्र भी रहता है। इस स्तोत्र में भगवान को सर्वविध मधुर और मधुर बताया गया है और इस स्तोत्र का पाठ-गायन-श्रवण सब विशेष मधुर लगता है।

Read More
ककारादि कृष्ण सहस्रनाम - kakaradi krishna sahasranama

ककारादि कृष्ण सहस्रनाम – kakaradi krishna sahasranama

ककारादि कृष्ण सहस्रनाम – kakaradi krishna sahasranama : जिस देवता का सहस्रनाम हो उस देवता के नामाद्याक्षर से संबंधित सहस्रनाम विशेष महत्वपूर्ण होता है। भगवान श्री कृष्ण का नामाद्याक्षर “क” है अतः “क” अक्षर से संबंधित सहस्रनाम विशेष महत्वपूर्ण हो जाता है और इसे ककारादि कृष्ण सहस्रनाम (kakaradi krishna sahasranama) कहा जाता है। यदि ककारादि कृष्ण सहस्रनाम की बात करें तो यह श्री ब्रह्माण्ड पुराण में मिलता है और इसमें कुल ३६० श्लोक हैं।

Read More
कृष्ण सहस्रनाम - krishna sahasranam

श्री कृष्ण सहस्रनाम – krishna sahasranam

श्री कृष्ण सहस्रनाम – krishna sahasranam : यदि भगवान श्री कृष्ण सहस्रनाम की बात करें तो यह अनेकों पुराणों में मिलता ही है और साथ ही साथ अनेकों नामों से भी सहस्रनाम मिलता है। इनमें से गर्ग संहिता में वर्णित श्री कृष्ण सहस्रनाम का अपना विशेष महत्व है

Read More
यहां पढ़ें श्री कृष्ण स्तोत्र - shri krishna stotra

यहां पढ़ें श्री कृष्ण स्तोत्र – shri krishna stotra

यहां पढ़ें श्री कृष्ण स्तोत्र – shri krishna stotra : विष्णुधर्मोक्त अर्जुन कृत कृष्ण स्तोत्र, कूर्म पुराणोक्त अदिति कृत कृष्ण स्तोत्र, ब्रह्मवैवर्त पुराणोक्त धर्म कृत कृष्ण स्तोत्र, ब्रह्म पुराणोक्त अक्रूर कृत कृष्ण स्तोत्र, विष्णु पुराणोक्त कालिय कृत कृष्ण स्तोत्र, हरिवंश पुराणोक्त नारद कृत कृष्ण स्तोत्र, भविष्य पुराणोक्त मदालस कृत कृष्ण स्तोत्र।

Read More
श्रीकृष्णमङ्गलं : कृष्ण मंगलाचरण श्लोक - krishna mangalam

श्रीकृष्णमङ्गलं : कृष्ण मंगलाचरण श्लोक – krishna mangalam

श्रीकृष्णमङ्गलं : कृष्ण मंगलाचरण श्लोक – krishna mangalam : भगवान के अनेकानेक स्तोत्रों में से एक प्रकार मंगल स्तोत्र भी होता है जिसमें भगवान के अनेकानेक नामों द्वारा उनसे मंगल प्रार्थना की जाती है, मंगल की कामना की जाती है। भगवान श्रीकृष्ण के अनेकों मंगल स्तोत्र हैं जो श्रीकृष्ण मङ्गलं (krishna mangalam), कृष्ण मंगलाचरण श्लोक, श्रीकृष्ण मङ्गल स्तोत्र आदि नामों से जाने जाते हैं।

Read More
देवकीकृत श्री कृष्ण स्तोत्र - Devakikrita Shri krishna stotra

देवकीकृत श्री कृष्ण स्तोत्र – Devakikrita Shri krishna stotra

देवकीकृत श्री कृष्ण स्तोत्र – Devakikrita Shri krishna stotra : श्रीमद्भागवतमहापुराण में भगवान श्री कृष्ण का चरित विशेष रूप से वर्णित है और श्रीकृष्ण चरित्र दशम स्कंध में वर्णित है। कृष्णावतार में भगवान श्रीकृष्ण की एक स्तुति स्वयं देवकी ने किया है जो दशम स्कंध के तृतीय अध्याय में मिलता है। देवकी कृत श्री कृष्ण स्तुति में कुल ७ श्लोक हैं।

Read More