ककारादि कृष्ण सहस्रनाम – kakaradi krishna sahasranama

ककारादि कृष्ण सहस्रनाम - kakaradi krishna sahasranama

जिस देवता का सहस्रनाम हो उस देवता के नामाद्याक्षर से संबंधित सहस्रनाम विशेष महत्वपूर्ण होता है। भगवान श्री कृष्ण का नामाद्याक्षर “क” है अतः “क” अक्षर से संबंधित सहस्रनाम विशेष महत्वपूर्ण हो जाता है और इसे ककारादि कृष्ण सहस्रनाम (kakaradi krishna sahasranama) कहा जाता है। यदि ककारादि कृष्ण सहस्रनाम की बात करें तो यह श्री ब्रह्माण्ड पुराण में मिलता है और इसमें कुल ३६० श्लोक हैं। यहां ककारादि कृष्ण सहस्रनाम संस्कृत में दिया गया है।

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।

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