यहां पढ़ें छिन्नमस्ता हृदय स्तोत्र संस्कृत में - chinnamasta hridaya stotra

यहां पढ़ें छिन्नमस्ता हृदय स्तोत्र संस्कृत में – chinnamasta hridaya stotra

यहां पढ़ें छिन्नमस्ता हृदय स्तोत्र संस्कृत में – chinnamasta hridaya stotra : माता छिन्नमस्ता जो कि दशमहाविद्या में से एक हैं,सकल चिंताओं का अंत करती है और मन में चिन्तित हर कामना को पूर्ण करती हैं; इसलिए उन्हें चिंतपुरणी या चिंतापुरणी भी कहा जाता है। हिमाचल प्रदेश में देवी छिन्नमस्ता का एक प्रसिद्ध मंदिर भी जो चिंतपुरणी मंदिर नाम से जाना जाता है। यहां छिन्नमस्ता हृदय स्तोत्र (chinnamasta hridaya stotra) संस्कृत में दिया गया है।

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यहां पढ़ें छिन्नमस्ता कवच स्तोत्र संस्कृत में - maa chinnamasta kavach

यहां पढ़ें छिन्नमस्ता कवच स्तोत्र संस्कृत में – maa chinnamasta kavach

यहां पढ़ें छिन्नमस्ता कवच स्तोत्र संस्कृत में – maa chinnamasta kavach : यहां छिन्नमस्ता कवच स्तोत्र (maa chinnamasta kavach) संस्कृत में दिया गया है। यह कवच भैरव-भैरवी संवाद रूप में भैरवतंत्र में वर्णित है जिसे त्रैलोक्यविजय नामक कवच भी कहा जाता है।

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यहां पढ़ें छिन्नमस्ता स्तोत्र संस्कृत में - maa chinnamasta stotra

यहां पढ़ें छिन्नमस्ता स्तोत्र संस्कृत में – maa chinnamasta stotra

यहां पढ़ें छिन्नमस्ता स्तोत्र संस्कृत में – maa chinnamasta stotra : यहां सर्वप्रथम माता छिन्नमस्ता के अनेकानेक ध्यान मंत्र दिये गये हैं तत्पश्चात अत्यंत प्रभावशाली ब्रह्मकृतं छिन्नमस्तास्तोत्रम् जिसे छिन्नमस्ता स्तवराज के नाम से भी जाना जाता है दिया गया है तत्पश्चात शंकराचार्य विरचित स्तोत्र जिसे प्रचण्डचण्डिका स्तवराज भी कहा जाता है दिया गया है और अंत में छिन्नमस्ता द्वादशनाम स्तोत्र जो कि बहुत ही महत्वपूर्ण स्तोत्र है दिया गया है।

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यहां पढ़ें त्रिपुर भैरवी सहस्रनाम स्तोत्र संस्कृत में - Tripura Bhairavi sahasranam stotra

यहां पढ़ें त्रिपुर भैरवी सहस्रनाम स्तोत्र संस्कृत में – Tripura Bhairavi sahasranam stotra

यहां पढ़ें त्रिपुर भैरवी सहस्रनाम स्तोत्र संस्कृत में – Tripura Bhairavi sahasranam stotra : त्रिपुर शब्द का अर्थ है, तीनो लोक अर्थात “स्वर्ग, पृथ्वी और पाताल” और भैरवी विनाश के एक सिद्धांत के रूप में अवस्थित हें, तात्पर्य है तीन लोको में सर्वनाशक या विध्वंस कि जो शक्ति है, वह भैरवी है। देवी त्रिपुर भैरवी का घनिष्ठ सम्बन्ध ‘काल भैरव’ से है, जो जीवित तथा मृत जीवों को उनके दुष्कर्मो के अनुसार दंड देते है तथा अत्यंत भयानक स्वरूप वाले तथा उग्र स्वाभाव वाले हैं। यहां त्रिपुर भैरवी सहस्रनाम स्तोत्र (Tripura Bhairavi sahasranam stotra) संस्कृत में दिया गया है।

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यहां पढ़ें त्रिपुर भैरवी हृदय स्तोत्र संस्कृत में - Tripura Bhairavi Hriday stotra

यहां पढ़ें त्रिपुर भैरवी हृदय स्तोत्र संस्कृत में – Tripura Bhairavi Hriday stotra

यहां पढ़ें त्रिपुर भैरवी हृदय स्तोत्र संस्कृत में – Tripura Bhairavi Hriday stotra : ब्रह्मांडपुराण में माता त्रिपुर भैरवी को गुप्त योगिनियों की अधिष्ठात्री देवी के रूप में चित्रित किया गया है। मत्स्यपुराण में इनके त्रिपुरभैरवी, रुद्रभैरवी, चैतन्यभैरवी तथा नित्या भैरवी आदि नाम-रूपों का वर्णन प्राप्त होता है। इंद्रियों पर विजय और सर्वत्र उत्कर्ष की प्राप्ति हेतु त्रिपुरभैरवी की उपासना का वर्णन शास्त्रों में मिलता है। यहां त्रिपुर भैरवी हृदय स्तोत्र (Tripura Bhairavi Hriday stotra) संस्कृत में दिया गया है।

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यहां पढ़ें त्रिपुर भैरवी कवच स्तोत्र संस्कृत में - Tripura Bhairavi Kavach stotra

यहां पढ़ें त्रिपुर भैरवी कवच स्तोत्र संस्कृत में – Tripura Bhairavi Kavach stotra

यहां पढ़ें त्रिपुर भैरवी कवच स्तोत्र संस्कृत में – Tripura Bhairavi Kavach stotra : दश महाविद्या में से त्रिपुर भैरवी माता को पांचवी महाविधा के रूप में जाना जाता है। यहां दिया गए कवच त्रिपुर भैरवी महाविद्या की साधना को समर्पित एक स्तोत्र है।

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यहां पढ़ें त्रिपुर भैरवी स्तोत्र संस्कृत में - bhairavi stotra

यहां पढ़ें त्रिपुर भैरवी स्तोत्र संस्कृत में – bhairavi stotra

यहां पढ़ें त्रिपुर भैरवी स्तोत्र संस्कृत में – bhairavi stotra : यह भैरवी स्तोत्र रुद्रयामल तंत्र में मिलता है, इस त्रिपुर भैरवी स्तोत्र के पाठ करने पर माता भैरवी की कृपा से साधक को धन-संपत्ति आदि की कभी कमी नहीं होती, उनकी सभी कामनायें सिद्ध होती और अंत में मोक्ष की भी प्राप्ति होती है ।

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यहां पढ़ें भुवनेश्वरीसहस्रनाम स्तोत्र संस्कृत में ~ bhuvaneshwari sahasranama stotram

यहां पढ़ें भुवनेश्वरीसहस्रनाम स्तोत्र संस्कृत में ~ bhuvaneshwari sahasranama stotram

यहां पढ़ें भुवनेश्वरीसहस्रनाम स्तोत्र संस्कृत में ~ bhuvaneshwari sahasranama stotram : सर्वप्रथम माता भुवनेश्वरी के रुद्रयामलोक्त सहस्रनाम स्तोत्र दिया गया है तत्पश्चात श्रीमहातन्त्रार्णव में वर्णित भकारादि सहस्रनाम स्तोत्र दिया गया है। दोनों सहस्रनाम स्तोत्र संस्कृत में हैं।

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यहां पढ़ें भुवनेश्वरी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र संस्कृत में ~ bhuvaneshwari ashtottara shatanama stotram

यहां पढ़ें भुवनेश्वरी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र संस्कृत में ~ bhuvaneshwari ashtottara shatanama stotram

यहां पढ़ें भुवनेश्वरी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र संस्कृत में ~ bhuvaneshwari ashtottara shatanama stotram : माता भुवनेश्वरी जो कि दशमहाविद्या में एक हैं; के अनेकों शतनाम स्तोत्र मिलते हैं; दो अष्टोत्तरशतनाम तो रुद्रयामल तंत्र में ही प्राप्त होता है। यहां तीन भुवनेश्वरी अष्टोत्तरशतनाम संस्कृत में दिया गया है।

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यहां पढ़ें भुवनेश्वरी हृदय स्तोत्र संस्कृत में ~ bhuvaneshwari hridaya stotra

यहां पढ़ें भुवनेश्वरी हृदय स्तोत्र संस्कृत में ~ bhuvaneshwari hridaya stotra

यहां पढ़ें भुवनेश्वरी हृदय स्तोत्र संस्कृत में ~ bhuvaneshwari hridaya stotra : श्री नीलसरस्वतीतन्त्र में माता भुवनेश्वरी का हृदय स्तोत्र दिया गया है। यहां नीलसरस्वतीतन्त्रोक्त भुवनेश्वरी हृदय स्तोत्र (bhuvaneshwari hridaya stotra) दिया गया है।

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